‘गालेआनो को बिना जादुई यथार्थवादी हुए हकीकत को जादुई बना देने का हुनर आता था। यह किताब उनकी महारत का एक नमूना है।’
––अरुंधति रॉय
ये लातीनी अमरीकी लेखक एदुआर्दो गालेआनो की अन्तिम कहानियों में से कुछ कहानियाँ हैं, जिनका अंग्रेजी अनुवाद अभी हाल ही में हन्टर ऑफ स्टोरीज के नाम से प्रकाशित हुआ है। गालेआनो इस संग्रह पर अपने जीवन के अन्तिम पल तक काम करते रहे और इसमें कुछ न कुछ जोड़ते–घटाते रहे थे। उनकी बिगड़ती हुई सेहत को देखते हुए स्पेनी भाषा के प्रकाशक ने इसके प्रकाशन के सिलसिले में आने वाले तनावों से छुटकारा दिलाने के लिए किताब के प्रकाशन को कुछ समय के लिए टाल दिया था। संग्रह लगभग तैयार था कि 2015 में गालेआनो चल बसे। उनके पीछे उनके प्रकाशक, दोस्तों और उनकी बीवी एलेना विल्याग्रा ने इस संकलन को आखिरी शक्ल दी।
अपनी इस अन्तिम किताब को लिखते वक्त गालेआनो शायद मौत की आहटों को सुनने की कोशिश कर रहे थे। कम से कम वे इस पर सोच जरूर रहे थे, क्योंकि इस किताब में मौत के विषय पर कई सारी कहानियाँ हैं, जिनमें से एक को आखिर में रखा गया है। इस रंग–बिरंगी दुनिया से, जिसकी विविधता पर उन्हें फख्र भी था और जिसकी ख्वाहिश भी, विदा लेते हुए वे कई जगह पलट कर अपने जीवन पर गौर करते हुए लगते हैं।
उनकी आखिरी प्रकाशित रचनाओं को यहाँ पेश करते हुए हम एक ऐसे लेखक को याद कर रहे हैं, जिसने कभी किसी जालिम ताकत के आगे न चुप होना कबूल किया और न झुकना। अपने आखिरी वक्त तक वह अपने अवाम के साथ खड़े रहे, उनके हक में बोलते रहे। एक ऐसे वक्त में, जब लोकतंत्र, बराबरी, और इनसानी गरिमा पर चैतरफा हमले हो रहे हैं, गालेआनो हमेशा से ज्यादा आज एक प्रासंगिक लेखक बन जाते हैं।
--रेयाज उल हक
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