जॉन अर्न्स्ट स्टाइनबेक जूनियर (1902–1968) प्राख्यात अमरीकी लेखक । 1939 में प्रकाशित पुलित्जर पुरस्कार विजेता उपन्यास, द ग्रेप्स ऑफ रैथ के अलावा द पर्ल, ऑफ माइस एंड मेन, मून इज डाउन, तोतिला फ़्लैट और ईस्ट ऑफ़ इडेन सहित कुल मिलाकर सोलह उपन्यास, छह गैर–काल्पनिक किताबें और लघु कथाओं के कई संग्रह प्रकाशित । मून इज डाउन पर इसी नाम से फिल्म बनी । 1962 में स्टाइनबेक को साहित्य का नोबल पुरस्कार मिला ।
द मून इज़ डाउन 1943 में प्रकाशित हुआ, जिसकी कहानी युद्ध में पराजित एक अनाम देश में आक्रमणकारियों के खिलाफ जन प्रतिरोध से सम्बन्धित है । स्टाइनबेक को इस युद्धविरोधी, लोकतन्त्र और स्वतंत्रता समर्थक उपन्यास की प्रेरणा नाजियों के विनाशकारी युद्धोन्माद और लोकतन्त्र विरोधी राजनीति से मिली थी । उनका कहना था कि ‘‘युद्ध शुरू हो गया, और मैंने लोकतंत्र के स्थायित्व के उत्सव के रूप में द मून इज़ डाउन लिखा । मैंने जर्मनों के बारे में लिखा था कि वे सुपरमैन नहीं, बल्कि मनुष्य हैं और––– अब यह साबित हो गया कि जर्मन मनुष्य थे, इसलिए वे पतित और पराजित भी हो सकते थे ।’’
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JANTA KABHI HARTI NAHI,, EK SHANDAR KITAB, YUDH KE FASEN SANIKON PER
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