शीतल तिवारी द्वारा अनुवादित किताब " चूहा और आदमी" पढ़ा, अच्छा उपन्यास है।
मुझे मानवीय भावनाओं से भरे उपन्यास अच्छे लगते है। शीतल ने अनुवाद बेहद शानदार किया है। मुझे दुःख इस बात का है। की समय ने उसे बहुत जल्दी हम से दूर कर दिया।
किताब दो मजदूरों की कहानी है। एक मजदूर मंद बुद्धि का है। दूसरा इसी वजह से हमेशा उसके साथ रहता है। दोनो का रिश्ता एक दूसरे को पूर्ण करने वाला रिश्ता है। जिसमे एक के बिना दूसरा अधूरा होता है।
अगर हम दूसरे व्यक्ति को व्याहारिक रूप से समझते है। तो हम कभी भी उससे नफरत नहीं करेंगे।
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AMIT KUMAR
रिव्यु देंशीतल तिवारी द्वारा अनुवादित किताब " चूहा और आदमी" पढ़ा, अच्छा उपन्यास है।
मुझे मानवीय भावनाओं से भरे उपन्यास अच्छे लगते है। शीतल ने अनुवाद बेहद शानदार किया है। मुझे दुःख इस बात का है। की समय ने उसे बहुत जल्दी हम से दूर कर दिया।
किताब दो मजदूरों की कहानी है। एक मजदूर मंद बुद्धि का है। दूसरा इसी वजह से हमेशा उसके साथ रहता है। दोनो का रिश्ता एक दूसरे को पूर्ण करने वाला रिश्ता है। जिसमे एक के बिना दूसरा अधूरा होता है।
अगर हम दूसरे व्यक्ति को व्याहारिक रूप से समझते है। तो हम कभी भी उससे नफरत नहीं करेंगे।
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