गार्गी प्रकाशन अपने पाठकों को कम मूल्य पर ऐसा स्तरीय और सुरुचिपूर्ण साहित्य उपलब्ध कराने का प्रयास करता है जो जनता में न्याय, समानता और एक बेहतर जीवन के लिए संघर्ष की भावना उत्पन्न करे। आज देश और दुनिया के पैमाने पर जनविरोधी और मानवद्वेषी मूल्यों, मान्यताओं और संस्कृति के घटाटोप में यह प्रकाशन जीवन और समाज के लिए सार्थक और उपयोगी संस्कृति के बीजारोपण की चेष्टा करता है। खासकर वह विश्व साहित्य की ऐसी अनुपम और कालजयी कृतियों को हिंदी पाठकों के लिए प्रस्तुत करता है जो मानवता के एक बेहतर भविष्य के लिए उनमें आशा और उत्साह का संचार करें।
हम ऐसे साहित्य के प्रकाशन, वितरण और प्रचार-प्रसार के लिए कटिबद्ध हैं जो--
सत्ता और उसके सिपहसालारों द्वारा फैलाये जा रहे हर प्रकार के झूठ और दुष्प्रचार को बेनकाब करे। समाज की बुनियादी समस्याओं का विश्लेषण करे और उसके समूल निवारण का मार्ग प्रशस्त करे। समाज में तर्कपरकता, वैज्ञानिक चिन्तन, जनपक्षधर मूल्यों और श्रम की गरिमा को स्थापित करे। धार्मिक पुनरुत्थानवाद और हर प्रकार की संकीर्णता के वास्तविक राजनीतिक चरित्र को उजागर करे और उनके आर्थिक आधारों की कारगर आलोचना प्रस्तुत करे। मध्ययुगीन मूल्य-मान्यताओं और रुढ़िवादिता का विरोध करे और अपने अतीत के प्रति इतिहास-सम्मत दृष्टिकोण का प्रसार करे। जात-पात, नस्ल, धर्म आदि सभी प्रकार के भेदों के खिलाफ चेतना विकसित करे। सूचना तन्त्र पर राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय थैलीशाहों के गठबन्धन के कब्जे की रचनात्मक मुखालफत करे।जीवन से अभिनं रूप से जुडी, सारगर्भित सामग्री उपलब्ध कराये, जिससे समाज में स्वस्थ साहित्य की चाहत पैदा हो तथा परिवर्तनकामी संस्कृति और सौन्दर्यबोध के बीज रोपे जा सकें।