यह किताब गेब्रियल गार्सिया मार्खेज द्वारा लिखी गयी एक शानदार रिपोर्ताज है, जो चिली के मशहूर फिल्म निर्माता मिगेल लिटिन की 12 साल के निर्वासन के बाद एक फिल्म निर्माण के सिलसिले में अपने देश चिली की गुप्त यात्रा की रोमांचक कहानी है । 1973 में, जब अमरीका ने सैन्य तख्तापलट के जरिये साल्वाडोर अलेन्दे की चुनी गयी समाजवादी सरकार को गिराकर तानाशाह पिनोचे को गद्दी पर बिठाया, तो मिगेल लिटिन चिली से भाग गये थे ।
तानाशाह पिनोचे द्वारा चिली जाने पर प्रतिबन्ध लगा दिये जाने के बावजूद मिगेल ने उरुग्वे के एक धनाढ्य व्यवसायी का भेष बनाया, एक उपयुक्त पासपोर्ट उधार लिया और चिली के जुझारू प्रतिरो/ा संगठन की मदद से 1985 के छह सप्ताह गुप्त रूप से जनरल पिनोचे के क्षेत्र में बिताये । यह उन छह सप्ताह के साहसिक कारनामों का एक संस्मरण है । मार्खेज के अनुसार यह फिल्म के पीछे की फिल्म का एक स्केच है जो मूल फिल्म प्रोजेक्ट से कहीं ज्यादा एक व्यक्तिगत कहानी है । मार्खेज ने इसे 1986 में मिगेल लिटिन के साथ 18 घण्टों के रिकॉर्ड किये गये साक्षात्कारों के आधार पर लिखी थी ।
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