लेखक : विजय गुप्त
पिता : स्वर्गीय श्री गोविन्द लाल गुप्ता
माता : श्रीमती सावित्री देवी
जन्म : 22–05–1953
शिक्षा : एम ए हिन्दी साहित्य, बी म्यूज़
होली क्रॉस स्कूल एवं शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अम्बिकापुर और नागपुर विश्’वविद्यालय, नागपुर में अ/यापन । जनवादी साहित्य गृह, भोपाल में महाप्रबं/ाक पद पर । आका’शवाणी के लिए स्क्रिप्ट लेखन, ंकंसर्टों में भागीदारी । लंबे समय तक स्वयं के छापेखाने का संचालन । अब अवका’शप्राप्त ।
प्रका’शन % काव्य संग्रह–– शब्दों की ज़मीनय अनुवाद–– जॉन गाल्सवर्दी के नाटक ‘द र्फ़्स्ट एण्ड द लास्ट’ का हिन्दी अनुवाद ‘पहला और आख़िरी’ नाम सेय पांच बाल नाटक रायगढ़ इप्टा द्वारा प्रका’िशत ‘रंगकर्म’ वार्षिकी मेंय कथा–शिखर–– हरि’शंकर परसाई
बिलासपुर से प्रकाशित दैनिक ‘दे’शबन्धु’ में डेढ़ वर्षों तक कॉलम ‘बात पते की’ लिखा । कुछ समय तक बिलासपुर से प्रकाशित ‘सां/य दैनिक ‘इवनिंग टाइम्स’ में कॉलम ‘बात निकलेगी तो’ लिखा । विभिन्न पत्र–पत्रिकाओं में कविता, कहानी, संस्मरण और लेख प्रकाश्’िात । प्रगतिशील लेखक संघ, अम्बिकापुर की राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त पत्रिका ‘साम्य’ का पिछले चालीस वर्षों से संपादन । ‘साम्य’ के अब तक 27 अंक और विभिन्न विषयों पर 18 पुस्तिकाएं प्रकाशित ।