विश्व की चर्चित कहानियाँ बारह कहानियों का एक संग्रह है जो अलग–अलग भूखण्ड और कालखण्ड में समाज की खूबियों– खामियों के साथ ही उनकी विभिन्नताओं और उनके विकास के अलग–अलग स्तरों को जाहिर करती हैं । इन्हें एक साथ सामने रखने पर हमें दुनिया के एक काफी बड़े हिस्से की एक सतरंगी तस्वीर दिखायी देती है ।
इन कहानियों के जरिये पिछली शताब्दियों के नामचीन साहित्यकार हमारे सामने एक आईना गढ़ते हैं और उस आईने में हमें अपने आज को देखने के लिए कहते हैं । हम देखते हैं कि बहुत अरसा पहले इन कथाकारों ने आधुनिक समाजों में जिन विष–बीजों को चिन्हित किया था उन्हें नष्ट करने के बजाय पूंजीपरस्त समाज संचालकों ने पोषित करके एक विराट विष–वृक्ष बना दिया है, जिससे आज समाज की रग–रग विषाक्त है ।
पूंजीवादी शासक समाज को इसी विषाक्त मंजिल पर ले जाकर ‘इतिहास का अन्त’ की घोषणा करते हैं । ‘‘विश्व की चर्चित कहानियाँ’’ अपने ढंग से आज की सामाजिक राजनीतिक ताकतों के लिए इस विषाक्त समाज का ध्वंस करके, उसकी जगह एक स्वस्थ समाज के निर्माण की चुनौती पेश करती है, जिसकी शुरुआत मौजूदा समाज की खामियों का तीखेपन से पर्दाफाश करने से होती है ।
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'देहरी लांघते हुवे' , तहमीना दुर्रानी की लिखी कहानी दिल और दिमाग को झकझोर देती है।
कहानी नहीं है जिंदगी की हकीकत है । 15 साल की जिस उम्र में प्यार के बीज अंकुरित होते है । उस उम्र मे शादी इस लिए करनी पड़े की घर का दरीदर निकल सके । छोटी बहनों की भी शादी हो सके , रिश्तेदार , आस - पड़ोस उनको अब हकारत की नजर से न देखे ।
पीर एक अमीर आदमी और खुदा का पेगम्बर जिसकी निगहे गरीब घरों की सुंदर लड़कियों पर टिक जाती है। तो फिर टिकी ही नहीं रहती उनके बदन को हर जगह से छेदती रहती है। अमीरों ने ग़रीबों को अपनी जागीर समझा है। कहानी बहुत कुछ कहती है । जिसे हम कई बार अपनी नंगी आँखें दे नहीं पाती ।
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