• +91-9810104481 +91-9560035691
  • Change Language :
  • हिंदी

एक अर्थशास्त्री का सफरनामा

60 /-  INR
उपलब्धता: स्टॉक में है
कैटेगरी: विश्व साहित्य
भाषा: हिन्दी
आईएसबीएन: 81-87772-62-X
पृष्ठ: 108
अनुवादक: कवीन्द्र कबीर
विशलिस्ट में जोड़ें
कार्ट में डालें

अनुवाद : कवीन्द्र कबीर

यह ऐसी किताब है जिसकी बातें इस मानवद्रोही राजनीतिक–आर्थिक व्यवस्था के प्रभु वर्ग के लिए अत्यन्त असुविधाजनक हैं। इसमें आप सुन्दर–सुन्दर प्राकृतिक दृश्यों के चित्र देखेंगे, लेकिन ऐसे दृश्य भी दिखाई देंगे जिनको यात्रा–वृत्तान्त की किताबों में अस्पर्शनीय माना जाता है, यानी असली अमरीका की बीभत्स तस्वीर -- हाशिये पर फेंक दिये गये लोग, भयावह गरीबी, कम मजदूरी पर गुजारा करते हाड़तोड़ मेहनत करने वाले मजदूर, गृह–ऋण बुलबुला फटने के बाद मध्यम वर्ग की दुर्दशा, दिनोंदिन बढ़ती गैर–बराबरी और पर्यावरण की बेइन्तहा तबाही। और सबसे बढ़कर अमरीका के मूल निवासी इंडियन्स के इतिहास के अवशेषों और स्मृति–चिन्हों का घूम–घूमकर जुटाया गया प्रत्यक्ष साक्ष्य है--

अभी तक कोई रिव्यु नहीं दिया गया है।

रिव्यु दें

रिव्यु दें

रिव्यु दें

सम्बन्धित पुस्तकें