सूक्ति या कहावतों की शैली में लिखे ये छोटे–छोटे गल्प के टुकड़े ब्रेख्त की गद्य शैली के अनोखे नमूने हैं। अधिकांश रचनाएँ आधे पन्ने की या उससे भी छोटी, यहाँ तक कि एक या दो वाक्य की भी हैं जो नावक के तीर की तरह प्रभावकारी हैं। सीधी सपाट बातें करने के बजाय इनमें शब्दाडम्बर का प्रयोग किया गया है और कोई अन्तिम निष्कर्ष प्रस्तुत करने की जगह पाठकों को उधेड़बुन और विचार–विमर्श की मन:स्थिति में ला देने का प्रयास किया गया है। इन कहानियों में राजनीति के अलावा रोजमर्रे की जिन्दगी, सच्चाई, प्रेम, ईश्वर, देश निकाला, मानव स्वभाव, सत्ता का आतंक और जनता की आशा–आकांक्षा का भरपूर चित्रण हुआ है।
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बर्तोल्त ब्रेख्त |
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