हलान ने, 1945–46 में नाजी जर्मनी के मुख्य युद्ध अपराधियों के न्यूरेमबर्ग मुकदमे में सोवियत–यूक्रेनी प्रेस का प्रतिनिधित्व किया। इसके साथ ही उन्होंने अनेकों यूरोपीय देशों की यात्रा की और फासीवाद के विरुद्ध विश्व संघर्ष और एक नये युद्ध के खतरे का वर्णन करते हुए, पुस्तिकाओं और रिपोर्टों की एक पूर्ण श्रंखला में अपने अनुभवों को लिपिबद्ध किया।
इस संग्रह की रिपोर्टें लगभग आधी सदी पूर्व लिखी गयी थीं, लेकिन आज के पढ़ने वालों के लिए उनका सन्देश हमेशा की भाँति इस समय भी प्रासंगिक है।
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यारोस्लाव हलान |
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