लियो ह्यूबरमन की पुस्तक 'मैन्स वर्ल्डली गुड्स - द स्टोरी ऑफ़ वेल्थ ऑफ़ नेशन्स' का हिंदी अनुवाद
इस पुस्तक के दो उद्देश्य हैं। यह इतिहास की आर्थिक सिध्दान्त और आर्थिक सिध्दान्त की इतिहास के माध्यम से व्याख्या का एक प्रयास है। यह परस्पर सम्बन्ध महत्त्वपूर्ण और आवश्यक है। इतिहास का अध्ययन अधूरा है, यदि उसके आर्थिक पहलुओं की ओर कम ध्यान दिया जाये और आर्थिक सिध्दान्त तब नीरस लगते हैं, जब उन्हें उनकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से अलग कर दिया जाता है। राजनीतिक अर्थशास्त्र राजनीतिक ही रहेगा, जब तक कि इसका अध्ययन–अध्यापन ऐतिहासिक शून्यता में किया जायेगा। रिकार्डो का भूमि–शुल्क सिध्दान्त अपने आप में कठिन और नीरस है। लेकिन इसे इसके ऐतिहासिक प्रसंग में रखकर देखिये, इसे उन्नीसवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध के इंग्लैण्ड के भू–स्वामियों और उद्योगपतियों में संघर्ष के रूप में देखिये और यह कितना उत्तेजक और अर्थपूर्ण हो जाता है।
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