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असमाधेय संकट

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भाषा: हिन्दी
आईएसबीएन: 8187772719
पृष्ठ: 74
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यह पुस्तक स्व– पॉल एम– स्वीजी और स्व– हैरी मैगडॉफ के पाँच निबन्धों का संकलन है। इसमें 19 अक्टूबर 1987 के अमरीकी शेयर बाजार विध्वंस जिसे ‘काला सोमवार’ के नाम से जाना जाता है, का लेखा–जोखा लिया गया है। वित्तीय पूँजी की इस विनाश–लीला का यह सूक्ष्म और गहरा विश्लेषण अपनी वस्तुनिष्ठता और वैज्ञानिकता के कारण वित्तीय अफरातफरी और विश्वव्यापी संकट के वर्तमान वातावरण में पहले से भी ज्यादा प्रासंगिक हो गया है।

पिछले दो दशकों की घटनाओं, खास तौर पर 2006–07 के वित्तीय संकट और उसके दुष्परिणामों ने स्वीजी और मैगडॉफ के अनेक पूर्वानुमानों की पुष्टि की है। लेखकों का मानना है कि वित्तीय पूँजी का संकट पूँजीवादी व्यवस्था का अन्तर्निहित, असमाधेय संकट है। मौद्रिक, वित्तीय या राजकोषीय उपायों और सतही सुधारों से इसके समाधान की कोई भी कोशिश कामयाब नहीं हो सकती। वित्तीय पूँजी की विनाश–लीला खुद अपनी जननी, पूँेजीवादी व्यवस्था के लिए विनाश का कारण बनती जा रही है। इन निबन्धों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनमें वित्तीय पूँजी के जटिल और दुरूह प्रश्न को यथासम्भव सरल और बोधगम्य शैली में प्रस्तुत किया गया है।

‘‘असमाधेय संकट’’ कॉर्नरस्टोन पब्लिकेशन द्वारा 2002 में प्रकाशित दि इर्रिवर्सिबुल क्राइसिस का हिन्दी अनुवाद है। पहली बार यह पुस्तक मन्थली रिव्यू प्रेस द्वारा 1988 में प्रकाशित हुई थी। हम कॉर्नरस्टोन और मन्थली रिव्यू के आभारी हैं। आशा है यह पुस्तक विश्वव्यापी साम्राज्यवादी संकट के मौजूदा दौर में वित्तीय पूँजी की रहस्यपूर्ण क्रियाविधि को समझने में सहायक होगी।

--गार्गी प्रकाशन

फोटो नाम और परिचय अन्य पुस्तकें
पॉल एम स्वीजी पॉल एम स्वीजी
हैरी मैक्डॉफ हैरी मैक्डॉफ

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