अनुवाद : दिगम्बर
मरीयामा बा का यह लघु उपन्यास ‘सो लॉन्ग अ लेटर’ एक लम्बे पत्र की शैली में लिखा गया है। उपनिवेशवादी दौर में महिलाओं की स्थिति इस लघु उपन्यास के केन्द्र में है जो स्वाधीनता प्राप्ति के बाद सेनेगल के समाज में अपनी आजादी और बराबरी के लिए जद्दोजहद करती हैं। 1980 में इसके प्रकाशन के बाद इसे पाठकों की भरपूर सराहना मिली। अफ्रीकी साहित्य जगत में और खासकर नारीवादी लेखन के क्षेत्र में इसने काफी ख्याति अर्जित की। 1980 में ही इसे अफ्रीकी साहित्य का प्रतिष्ठित नोमा पुरस्कार प्राप्त हुआ।
परम्परा और आधुनिकता का विरोधाभास, पितृसत्ता और बहुविवाह जैसी कुप्रथाओं का कायम रहना, कामकाजी औरतों पर नौकरी, गृहस्थी और रूढ़िवादी जिम्मेदारियों का तिहरा बोझ, इन सब का सजीव चित्रण इसमें किया गया है।
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मरियामा बा |
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