यह पुस्तक 4 मई, 1919 के आन्दोलन से लेकर 1956 के पूर्वार्द्ध के समाजवादी रूपान्तरण तक के कालखण्ड के दौरान चीनी जनता द्वारा की गयी नव जनवादी क्रान्ति का ब्यौरेवार विवरण है। पुस्तक हमें बताती है कि किस प्रकार चीनी जनता ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के झण्डे तले गोलबन्द होकर साम्राज्यवाद, सामन्तवाद और अफसरशाह–पूँजीवाद के खिलाफ एक जुझारू संघर्ष चलाया। अन्त में जनता ने तीन क्रान्तिकारी गृहयुद्धों और जापानी–आक्रमण विरोधी प्रतिरोध युद्ध में विजय प्राप्त करते हुए साम्राज्यवादियों और क्वोमिंताङ के प्रतिक्रियावादी शासन का तख्ता पलट दिया और चीनी लोक गणराज्य की स्थापना की। इसमें मुक्ति के बाद के वर्षों के दौरान, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार और कृषि, हस्तशिल्पों और निजी उद्योग और वाणिज्य के समाजवादी रूपान्तरण का भी ब्यौरा है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और उसके नेता कामरेड माओ त्से–तुङ द्वारा मार्क्सवादी–लेनिनवादी सिद्धान्तों की रोशनी में चीनी क्रान्ति की समस्याओं के समाधान के विस्तृत विवरण ने पुस्तक की विषय–वस्तु को समृद्ध बना दिया है।
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हो कान-च |
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