पिछले साल चीन की सांस्कृतिक क्रान्ति के 50 साल पूरे हुए हैं। इस दौरान साम्राज्यवादी प्रचार माध्यमों ने चीन की सांस्कृतिक क्रान्ति और और उसके नेता माओ त्से तुङ के नेतृत्व पर दोषारोपण में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। चीन की सांस्कृतिक क्रान्ति और खासकर महान अग्रवर्ती छलांग को लेकर शुरू से ही तमाम साम्राज्यवादी और पूँजीवादी प्रचार माध्यमों द्वारा दुष्प्रचार चलाया जाता रहा है, लेकिन 1976 में देंग शियाओ पिंग के आने के बाद से यह हमला संगठित रूप से चीन और चीन के बाहर एक साथ चलाया जाने लगा। चीन में पहली बार देंग शियाओ पिंग ने महान अग्रवर्ती छलांग के बाद के अकाल के लिए पूरी तरह माओ को जिम्मेदार ठहराया था। इस तरह देंग शियाओ पिंग ने भी माओ के समाजवादी निर्माण के संघर्ष को पराजित करने वाली साम्राज्यवादी–पूँजीवादी साजिशों में खुद को शामिल कर लिया।
आज दुनिया की मेहनतकश जनता के सामने एक महत्त्वपूर्ण कार्यभार यह भी है कि चीन में समाजवादी निर्माण की कोशिशों से प्राप्त अनुभवों की रक्षा की जाये और इसके खिलाफ चलाये जा रहे दुष्प्रचार अभियान का माकूल जवाब दिया जाये। फ्रेड एंगस्ट खुद भी बचपन में सांस्कृतिक क्रान्ति के दौरान शारीरिक श्रम और मानसिक श्रम के बीच विभेद को खत्म करने और समाजवादी निर्माण की कोशिशों में व्यक्तिगत रूप से शामिल रहे हैं। वे चीन में समाजवादी रूपान्तरण की प्रक्रिया में हिस्सेदार रहे हैं और अपने बचपन से ही वे तमाम राजनीतिक उथल–पुथल के गवाह रहे हैं। वर्तमान में वे बीजिंग विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग में प्रोफेसर हैं। तुर्की के ओनुरकैन उल्कर द्वारा लिया गया फ्रेड एंगस्ट का यह साक्षात्कार हमें चीन में नवजनवादी क्रान्ति और सांस्कृतिक क्रान्ति की उपलब्धियों और इसके खिलाफ पार्टी के भीतर के पूँजीवादी राहियों को समझने में एक महत्त्वपूर्ण दृष्टि प्रदान करता है। यह 19 जनवरी, 2018 को रिसर्च यूनिट फॉर पॉलिटिकल इकोनॉमी के ब्लॉग पर प्रकाशित साक्षात्कार का हिन्दी अनुवाद है। बाद में यह 24 जनवरी, 2018 को एमआर ऑनलाइन डॉट ओआरजी पर प्रकाशित हुआ। आशा है कि यह साक्षात्कार साम्राज्यवादी दुष्प्रचारों और पूँजीवादी राहियों की साजिशों को समझने में मददगार होगा।
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