‘‘जो सन्देश मुझे देना है वह है बिना समझौते की सम्पूर्ण सर्वांगीण आजादी का । हम राजनीतिक आजादी चाहते हैं, इसका मतलब ब्रिटिश साम्राज्यवाद के चंगुल से मुक्त आजाद भारतीय राज्य का संविधान । हर व्यक्ति के मन में यह बात स्पष्ट होनी चाहिए कि आजादी का मतलब ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्ति और इस पर कोई समझौता और दिमागी बंदिश नहीं होनी चाहिए । दूसरे, हम सम्पूर्ण आर्थिक मुक्ति चाहते हैं । प्रत्येक व्यक्ति को काम करने के और जिन्दगी जीने लायक मजदूरी का अधिकार मिलना चाहिए । हमारें समाज में कोई परजीवी नहीं होगा । सबको समान अवसर मिलना चाहिए । इन सबसे ऊपर धन–संपदा का एक न्यायपूर्ण और समान वितरण होगा । इसके लिए शायद जरूरी होगा कि राष्ट्र को उत्पादन के साधनों और सम्पदा के बँटवारे का नियंत्रण हाथ में लेना पड़े । तीसरा, हम पूर्ण सामाजिक समानता चाहते हैं । जहाँ कोई जाति नहीं होगी, कोई शोषित वर्ग नहीं होगा । समाज में प्रत्येक व्यक्ति की समान अधिकार और समान हैसियत होगी । इसके आगे सामाजिक हैसियत या कानून के आधार पर कोई लैंगिक असमानता भी नहीं होगी और हर तरह से महिलाएँ पुरुष के बराबर होगी
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सुभाष चन्द्र बोस |
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